मप्र / शहरी विकास सचिव बोले- इंदौर और उज्जैन के बीच इतना ट्रैफिक नहीं है कि मेट्रो ट्रेन चलाना पड़े

इंदौर/उज्जैन . केंद्रीय शहरी विकास सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने इंदौर-उज्जैन के बीच मेट्रो ट्रेन चलाने की संभावना से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि इतना ट्रैफिक नहीं है कि अभी मेट्रो चलाई जाए। इसकी जगह आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम) बनाया जा सकता है। दोनों शहरों के बीच ई-बसें चलाई जा सकती हैं। इस दौरान निगमायुक्त आशीष सिंह ने इंदौर स्मार्ट सिटी के कामों का प्रजेंटेशन भी दिया। इंदौर में जारी कामों पर मिश्र ने संतोष जताया। वेे उज्जैन में इंदौर मेट्रो और इंदौर-उज्जैन स्मार्ट सिटी मिशन तथा लोकल एरिया डेवलपमेंट प्लान की समीक्षा करने आए थे। इंदौर मेट्रो के डायरेक्टर जेके दुबे ने प्रजेंटेशन दिया। इंदौर मेट्रो के लिए अर्बन ट्रांजिट फंड बनाया जाएगा। 


इसके अलावा प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अलग-अलग कंपनी बनाई जाएगी। इस दौरान इंदौर-उज्जैन के बीच मेट्रो की संभावना को लेकर भी चर्चा हुई। इंदौर-उज्जैन के बीच ट्रैफिक कम होने से इसे अभी व्यावहारिक नहीं माना गया। मिश्र ने बताया कि प्रति किमी 300 करोड़ रुपए का निर्माण खर्च है। इतना पैसा खर्च करने का फायदा नहीं है। ट्रैफिक कम होने से अभी मेट्रो की जरूरत नहीं है। दोनों शहरों के बीच बीआरटीएस की संभावना हो सकती है। ई-बसें चलाने से यात्रियों को सुविधा मिलेगी। इसलिए इन दोनों शहरों को जोड़ने के लिए बस लेन अलग करने से ही काफी राहत मिल सकती है। 



इंदौर स्मार्ट सिटी का प्रजेंटेशन देख मिश्र चौंके... अरे इतना काम कर दिया  
इंदौर स्मार्ट सिटी के कामों का प्रजेंटेशन निगमायुक्त आशीष सिंह ने दिया। बताया कि 150 से ज्यादा काम हो चुके हैं, इस पर मिश्र चौंके कि इतना काम कर दिया..? इंदौर में चल रहे कामों पर मिश्र ने संतोष जताया। उन्होंने कहा कि जो काम हो रहे हैं, उनकी जानकारी आम लोगों को भी होना चाहिए। उन्हें बताया जाना चाहिए कि जो काम हो रहे हैं, उनसे क्या फायदा उन्हें मिलेगा। नागरिकों के सुझाव भी लेना जरूरी है। जो भी काम हैं, उन्हें भविष्य को ध्यान में रख कर योजना बनाएं। उन्होंने आगे यह काम देखने की बात भी कही। निगमायुक्त ने अब तक कितना खर्च हुआ और कितने काम पब्लिक से जुड़े है इसकी जानकारी भी दी।